इसलिए सभी क्रियाओं (कर्मों) को करते समय उन छोटे जीवों को नहीं मारना चाहिए इसी लिए प्रमर्जन (सफाई) की क्रिया महत्वपूर्ण है।
भूमि पर बैठने या सोने के पहले चरवला से भूमि की प्रमारजना की जाती है\r\n\r\nउन यह काफ़ी नरम होने से कोई भी जिवो को इस से हानि नही पहुचती। यही कारण है कि चारवला <\/span>उन से बना है।
अहिंसा का पालन करें और अपना पुण्य बढ़ाएं।<\/pre>'})):(console.debug(">> not running inside jkart app..."),console.log(JSON.stringify({id:712,name:"जेंट्स चरवला देसी उन्न (DZ02)",url:"जटस-चरवल-दस-उनन-dz02",images:["https://jainkart.azureedge.net/0002870_gents-charavla-desi-unn-dz02_600.jpeg"],desc:'
अहिंसा परमो धर्म जैन धर्म का केंद्रीय विषय है। प्रत्येक सूक्ष्म जीवों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। उनका जीवन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना हमारा।
इसलिए सभी क्रियाओं (कर्मों) को करते समय उन छोटे जीवों को नहीं मारना चाहिए इसी लिए प्रमर्जन (सफाई) की क्रिया महत्वपूर्ण है।
भूमि पर बैठने या सोने के पहले चरवला से भूमि की प्रमारजना की जाती है\r\n\r\nउन यह काफ़ी नरम होने से कोई भी जिवो को इस से हानि नही पहुचती। यही कारण है कि चारवला <\/span>उन से बना है।
अहिंसा का पालन करें और अपना पुण्य बढ़ाएं।<\/pre>'})))