जैन धर्म का पालन करने के लिए सर्वप्रथम श्रावक की भूमिका
में आना पड़ता है। जैन श्रावक बनने कि लिए हमें कम से कम
क्या ज्ञान होना चाहिए? हमारा दर्शन (Vision-दृष्टि) कैसा
होना चाहिए? हमें जीवन में कौन-कौन से व्रतों का पालन
करना चाहिए? यह सब जानकारियाँ रंगीन चित्रों सहित सरल
व रोचक भाषा में इस पुस्तक में दी गयी हैं। वतर्मान समय के
अनुसार इस पुस्तक में यथायोग्य उदाहरण चित्रों सहित दिये
गये हैं। यह पुस्तक ज्ञानशालाओं और जैनधर्म को समझने के
लिए अत्यन्त उपयोगी है। आर्ट पेपर पर रंगीन पक्की जिल्द
युक्त पुस्तक।