जनम जनम का दास हूं 

        तर्ज- जनम जनम का साथ है 

 

जनम जनम का दास हूँ, प्रभू पार्श्व तुम्हारा 

जीवन नैय्या डोल रही है २ दे दो हमे सहारा 

 

अंतरा 

 

अपने मन मंदिर में तेरी ज्योत जलाऊँ हो 

अपने मन दर्पन में तेरा ध्यान लगाऊँ २ 

तुम मेरे स्वामी हो में सेवक हूँ तुम्हारा 

जनम जनम 

 

जीवन की सुनी राहे आबाद करो वरदान से हो 

भर दो जीवन में खुशीयां अपने चमत्कार से 

सब भक्तों की अर्ज यहीं है सबको दो सहारा

जनम जनम  

 

नर नारी शरणे आये, अपना शिश झुकायें हो 

भक्तों की टोली आई श्रद्धा के फूल चढ़ाये 

युवक मंडल की अरज यहीं हैं हमको दो सहारा 

जनम जनम