को यतनापूर्वक जीवदया का करने का संदेश दिया है।
जीवों की रक्षा किस प्रकार करनी चाहिए और उन्हें
बचाने का प्रयास कैसे करना चाहिए। सुन्दर रंगीन
चित्रों के माध्यम से बताया गया है। बालकों एवं युवकों
को जैनधर्म के नैतिक मूल्य (horal Values) सिखाने
वाली महत्वपूर्ण पुस्तक |<\/p>\r\n
आर्ट पेपर पर मल्टीकलर में<\/span> इस पुस्तक में \'यतना\' का अर्थ समझाते हुए बालकों आर्ट पेपर पर मल्टीकलर में<\/span>
प्रकाशित। हिन्दी/अंग्रेजी भाषा में स्वतन्त्र रूप से उपलब्ध।
<\/span><\/p>'}};typeof jkartAppProduct!="undefined"&&jkartAppProduct.postMessage(JSON.stringify({id:1052,name:"Yatna",url:"yatna-2",images:["https://jainkart.azureedge.net/0009005_yatna_600.jpeg","https://jainkart.azureedge.net/0007461_yatna_600.jpeg","https://jainkart.azureedge.net/0007301_yatna_600.jpeg","https://jainkart.azureedge.net/0007302_yatna_600.jpeg"],desc:'
को यतनापूर्वक जीवदया का करने का संदेश दिया है।
जीवों की रक्षा किस प्रकार करनी चाहिए और उन्हें
बचाने का प्रयास कैसे करना चाहिए। सुन्दर रंगीन
चित्रों के माध्यम से बताया गया है। बालकों एवं युवकों
को जैनधर्म के नैतिक मूल्य (horal Values) सिखाने
वाली महत्वपूर्ण पुस्तक |<\/p>\r\n
प्रकाशित। हिन्दी/अंग्रेजी भाषा में स्वतन्त्र रूप से उपलब्ध।
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