लाभ -
रतौंधी, आँखों में दर्द, कम दिखना, आँखों की पलकें सुजना, प्रकाश में आँखें न खुलना एवं पित्त वृद्धि के कारण आँखों में तकलीफ होना आदि लक्षण होने पर इस घृत के नियमित सेवन से आँखें स्वस्थ हो जाती हैं एवं नेत्रज्योति बढ़कर चश्मा लगाने की आवश्यकता नहीं रहती है।
मुख्य घटक -
गौ घृत, त्रिफला क्वाथ, बाँसे का रस, शतावरी रस, आँवला का रस, भृंगराज, गिलोय का रस, बकरी / गाय का दूध, पीपल, मिश्री, मुनक्का, त्रिफला, नीलोफर, मुलेठी, क्षीरकाकोली, गुडूची, कटेरी।
सेवन विधि -
5 से 10 ml घृत बराबर मिश्री मिलाकर लेवें अथवा चिकित्सीय परामर्शानुसार।
