Saturday, 28 June, 2025
badi door se chalkar aaya hun, nakoda
बड़ी दूर से चलकर आया हूँ
मेरे दादा तेरे दर्शन के लिए
एक फूल गुलाब का लाया हूँ
चरणों में तेरे रखने के लिए
न रोली मोली चावल है
न धन दौलत की थैली है
दो आंसू बचाकर लाया हूँ
बस पूजा तेरी करने के लिए
न रंग महल की अभिलाषा
न इच्छा सोने चांदी की
तेरी दया की दौलत काफी है
बस झोली मेरी भरने के लिए
मेरे दादा इच्छा नहीं मेरी
अब यहाँ से वापस जाने की
चरणों में जगह देदो थोड़ी
मुझे जीवन भर रहने के लिए
Source - Badi Dur Se Chalkar Aaya Hu...