तर्ज - यारी हो गई यार से (दो चोर)
टांबरीया धारा आया बाबा भोमियां,
झूमता गांवता २-थारे दरबार में
टांबरीया थांरा...
समकित धारी बाबा के पुकार तो सुनो
देवों राही देव थांरो परचो है घणो 2
झूमता गांवता, २ थारे दरबार में
टांबरीया थांरा...
मधुवन रे कण कण रा स्वामी, हिवड़े बस जावो
भक्तोरा...
तर्ज उड-उडरे-म्हारा कालारे-कागला
सुन सुनरे, सुन सुनरे 2 म्हारा भरत लाडला
कद म्हारो रिष भो घर आसी -कद म्हारो ...
सुन सुनरे...
मां मरुदेवी थांरो रिषभ लाडलो
राज छोड़ गयो कासी
कद म्हारो...
राज पाट और सुख ने छोड्यो
झूठी ममता सुं- मुख मोइयो
राज छोड़ गयो बनवासी
कद म्हारो...
पा...
तर्ज- मेरा जुता है जापानी ( श्री ४२० )
तेरी जाती है जवानी - ये अनमोल जिन्दगानी
सर पे काल तेरे झूमे- फिर भी करे क्यों नादानी
तेरी जाती है.....
दुनिया की है झूठी रिवाजे झूठे रिस्ते नाते
मतलब हो तो सब हैं पूछँ- करते मीठी बाते
झूठी सारी है कहानी - अपनी मंजिल न पहचानी
सर पे जाल तेरे...
तर्ज - सौ साल पहले (जब प्यार किसी से होता है)
सदियों से तेरा जिनवर दुनिया में नाम था सब की जुबान था।
महावीर स्वामी-अन्तयामी
अनुपम त्रिशला मां का सबको पैंगाम ॥ जग को सन्देश था।
महावीर स्वामी-अन्तरयामी ॥
श्री चौबीसवां अवतार महावीर बनकर आया था
और सिद्धारथ के घर नया संसार बसाया था।
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