गावो गीत वधावो गुरू ने
मोतीडे चोक पुरावो…
चार-चार आंगण चतुर शु आव्या (२)
गावो गीत रसाली रे…
आज मारे दीवाली… अजवाळी
आव्यो शरणे तमारा जिनवर करजो आश पूरी अमारी
नाव्यो भवपार मारो तुम विण जगमां सार ले कोण मारी
...(गिरनारी नेमिनाथ दादा – अभिषेक स्तुति)
गिरनार पर प्रभु नेम ना, अभिषेकनो पावन समय
प्रभु नेमिनाथ जिनालये, वातावरण शुभ भावमय
ते परम पावन द्रष्य मारा, नेत्र ने निर्मल करो
नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (१)
श्यामल प्रभुना मस्तके, निरखु हु क्षीरधारा धवल
रोमांच अनुपम अनुभवु, गद-...
शीदने आवडी कीधी उतावळ, बोलो ने गुरु मा..
नेण ढळे छे आंसुने भारे, पाछा वळो गुरु मा..
...