सोना रूपाना कलशे, प्रभु ने न्हवरावो हरशेपावन नदियों ना पाणी, देवो लाव्या छे टाणीआ धारा तो… पुण्य नी धारा छे…प्रभुजी तो… म्हारा छे… ।। धृ.।।
थनगनता जनजनना हैय्ये आजे हरखनी हेली रे,देवोनी दुनिया पण आजे थयी जुओने घेली रे;भीतर तालावेली रे आवाना प्रभुवर बेली रे,के भगवनना अंजननी वेला आवी रही अलबेली रे;