Personal menu
Search
You have no items in your shopping cart.

मेरी विनती सुनलो दादा

meri vinti sunlo dada, meri vinanti

मेरी विनती सुनलो दादा, क्यूँ नहीं सुनते पारस दादा
सुनलो, सुनलो जग के नाथ
नाकोड़ा के पारसनाथ, मेरी विनती स्वीकार करो
है दादा हमें भव से पार करो

तेरी भक्ति में मगन है, लगी बस एक लगन है
की तुझसे मिली है शक्ति, हो दादा हो ...
इसमें, इसमें रह गई क्या कोई कमी, नाकोड़ा के पारसस्वामी
मेरी विनती स्वीकार करो
है दादा हमें भव से पार करो

फिरु मैं मारा - मारा, नहीं है कोई सहारा
पड़ा हूँ तेरे शरणे, हो दादा हो ...
करदो, करदो किरपा की बरसात, नाकोड़ा के पारसनाथ
मेरी विनती स्वीकार करो
है दादा हमें भव से पार करो

वैभव तेरे गुण गाये, यही बस आस लगाये
कि तू ही तारणहारा, हो दादा हो
देदों, देदों-देदों दर्शन आज, नाकोड़ा के पारसनाथ
मेरी विनती स्वीकार करो
है दादा हमें भव से पार करो

 

Source- मेरी विनती सुनलो दादा | Vaibhav Soni

अपनी भावनाएं व्यक्त करें 🙏
*