श्री गुरुदेव दयाल को, मन में ध्यान लगाए,
अष्टसिद्धि नवनिधि मिले, मनवांछित फल पाए ||
श्री गुरु चरण शरण में आयो, देख दरश मन अति सुख पायो,
दत्त नाम दुःख भंजन हारा, बिजली पात्र तले धरनारा ||
Library > प्रभु भक्ति
सिद्धाचल ना वासी, विमलाचल ना वासी,
जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वन्दन हमारा
प्रभुजिनु मुखडु मलके,
नैनोमाथी वर्से अमीरस धारा,
ये मेरी अर्ज़ी है...
मैं वो हो जाऊ,
जो तेरी मेरज़ी है...
अब और ना मन भटके...
मांगते ही रहते तुझसे, सांझ सवेरे,
हाथ ये फैले रहते, सामने तेरे,
तुने खुब दिया भगवान, तेरा बहोत बड़ा एहसान,
तेरा बहोत बड़ा एहसान, तुने खुब दिया भगवान.......
सोना रूपाना कलशे, प्रभु ने न्हवरावो हरशे
पावन नदियों ना पाणी, देवो लाव्या छे टाणी
आ धारा तो… पुण्य नी धारा छे…
प्रभुजी तो… म्हारा छे… ।। धृ.।।
थनगनता जनजनना हैय्ये आजे हरखनी हेली रे,
देवोनी दुनिया पण आजे थयी जुओने घेली रे;
भीतर तालावेली रे आवाना प्रभुवर बेली रे,
के भगवनना अंजननी वेला आवी रही अलबेली रे;
आव्यो शरणे तमारा जिनवर करजो आश पूरी अमारी
नाव्यो भवपार मारो तुम विण जगमां सार ले कोण मारी
गायो जिनराज आजे हरख अधिकथी परम आनंदकारी
पायो तुम दर्श नासे भव-भय-भ्रमणा नाथ सर्वे अमारी
गिरनार पर प्रभु नेम ना, अभिषेकनो पावन समय
प्रभु नेमिनाथ जिनालये, वातावरण शुभ भावमय
ते परम पावन द्रष्य मारा, नेत्र ने निर्मल करो
नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (1)
वीर जिनेश्वर केरो शिष्य,
गौतम नाम जपो निशदिन,
जो कीजे गौतम नुं ध्यान,
तो घर विलसे नवे निधान...||1||
मिल के गाना, दिल से गाना, गुरुवर के गुण गाना।
भक्ति धुन में, झूम-झूम के, भजनों में खो जाना।।
छोटा सा नाम है, लगता न दाम है।
कुशल-कुशल बस, जपना सुबह शाम है। ओऽऽऽऽ