सब सिद्धों को नमन कर, सरस्वती को ध्याय।
चालीसा नवकार का ,लिखूं त्रियोग लगाय।
महामंत्र नवकार हमारा।
जन जन को प्राणों से प्यारा।
Library > प्रभु भक्ति
शान्तिनाथ भगवान का, चालीसा सुखकार ।।
मोक्ष प्राप्ति के लिय, कहूँ सुनो चितधार ।।
चालीसा चालीस दिन तक, कह चालीस बार ।।
बढ़े जगत सम्पन, सुमत अनुपम शुद्ध विचार ।।
हुं बाळ तमारो छु, तमारो वहाल चाहुं हुं .. २
तमे राखजो माथे हाथ, तमे बनजो मारी मात, २
तमारो प्रेम चाहुं छं ...
हुं बाळ तमारो छु, तमारो वहाल चाहुं हुं ... २
रजा आपोने हवे दादा, अमारी वात थई पूरी,
अमारी वात थई पूरी अधूरी वात छे तो पण,
आ मुलाकात थई पूरी, अमारी वात थई पूरी ...
कर्या कामण तमे ओवा, अमे तारा बनी बेठा,
संयम ना भावनी करो ने परीक्षा ... मारे तो लेवानी लेवानी
छे दीक्षा ... लेवानी लेवानी लेवानी छे दीक्षा ...
लेवानी मन भावनी लेवानी छे दीक्षा ...
लेवानी लेवानी मन भावनी छे दीक्षा ...
दुनिया से सहारा क्या लेना बस तेरा सहारा काफी है,
कुछ करने की क्या जरुरत है तेरा इक ही सहारा काफी है,
दुनिया से सहारा क्या लेना बस तेरा सहारा काफी है,
धन दौलत का क्या करना है इन मेहलो का क्या करना है,
मारा चित्तना द्वारे आवो ... (२)
आनंद उत्सव ने भक्ति नी रमझट साथे
लावो प्रभु प्रेम नी धारा लावो ... (२)
ढोल नगारा ने मंजीरा,
ऊँगली पकड़ मेरी रस्ता दिखाते है(२)
कभी तो ये दादा माझी बन्न जाते है
कभी तो ये दादा साथी बन्न जाते है
ऊँगली पकड़ मेरी रस्ता दिखाते है ..... (२)
के मारा मनमां, तारा विना नहीं कोई रे मारा दिलमां,
तारा विना नहीं कोई रे ...
मीठो साद दईने ते तो मारा उघाड्यां नयन,
साचो पंथडो बताड्यो ने त्यां वहाव्यां किरण ... (२)
समय नी आ सुनी सुनी, सफरनी डगरने,
पगलुं जड्युं छे तारुं आज ... व्हालाने शोधी रह्यं आ,
बाळक ने सूनं सूनं, मनडुं रहे छे आ उदास ...
में तो दीवडा प्रगटाव्या मारा रोम रोममां,