maare toh levani, mare to levani, mare toh levani, mare toh levani chhe diksha
संयम ना भावनी करो ने परीक्षा ... मारे तो लेवानी लेवानी
छे दीक्षा ... लेवानी लेवानी लेवानी छे दीक्षा ...
लेवानी मन भावनी लेवानी छे दीक्षा ...
लेवानी लेवानी मन भावनी छे दीक्षा ...
जीद कहो तो जीद परंतु, अहीं मुजने ना फावे ...
मुनिवर बनीने विहरतुं छे ... पळ पळ आनंद आवे,
साधु पणानी हुं चाहुं तितिक्षा. मारे तो ...
खावू पीयूँ हरवू फरवू शुं छे आ ज जीवन. लडवू-
झगडवूमळवू रझळवू लडवू ... आ ते केवू जीवन,
झंखे हवे हैयुं वैरागी भिक्षा .. मारे तो ...
आ मारी माता, आ मारा पिता, आ मारा भाई बहेन ...
संसारी सगपणथी अदकेरा लाग्या, लाग्यो मुनिवरना
ढळता नैन साचा संबंधनी मेळववा शिक्षा ... मारे तो ...
मीठा मधुरा ने मनगमता पाम्यो छु परमात्म. ज्ञानी द्यानी
श्रमण पुष्पोथी, मधमधतुं जिन शासन, अनंता भवोनी
अनंती प्रतीक्षा, मारे तो ...
Source - Mare To Levani Che Diksha