इच्छाकारेण संदिसह भगवन् ! इरियावहियं पडिक्कमामि इच्छं।
इच्छामि पडिक्कमिउं इरियावहियाए विराहणाए गमणागमणे।
पाणक्कमणे, बीयक्कमणे, हरियक्कमणे, ओसा उत्तिंग-पणग
दगमट्टी-मक्कड़ा-संताणा-संकमणे ।
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करेमि भंते ! सामाइयं सावज्जं जोगं पच्चक्खामि,
जाव नियमं पज्जुवासामि,
दुविहं तिविहेणं, मणेणं वायाए काएणं,
न करेमि न कारवेमि, तस्स भंते।
सामायिक जैन धर्म की एक धार्मिक विधि है,
जिसमें सभी पाप कर्मों का त्याग किया जाता है।
जहाँ गुरु महाराज जीवन भर इसकी साधना करते हैं,
वहीं गृहस्थों के लिए यह ४८ मिनट का आत्म-शुद्धि का अभ्यास है।
जब कोई नहीं आता मेरे दादा आते है...
मेरे दुःख के दिनों में वो बड़े काम आते है...
जब कोई नहीं आता मेरे दादा आते है...
मेरी नैयाँ चलती है,बतवर नहीं चलती...
तारा मस्त गुलाबी गाल, तारी आँखो छे अनियादि ....
रुदियाना राजा मारा!, तू कृष्ण हूँ राधा तारी ...
तारा मस्त गुलाबी गाल, तारी आँखो छे अनियादि ....
दिल माँ जागे स्पंदन, भीना भीना नयन....
तारो ने मारो संबंध न्यारो, मने याद आवशे तारो सथवारो... |
तारा रूप उपर हु, ओ वारी जाऊ, तारा गुणो थी, अंजाई
जाऊ बस टगर मगर थई, हु जोवु तुझने, जाणे आखी
दुनिया, मळी गयी मुझने ||
तुं खूब मने गमे छे,
मारा व्हाला प्रभु |
मारा दिलमां तुं रमे,
छे, कामणगारा प्रभु |
श्री गुरुदेव दयाल को, मन में ध्यान लगाए,
अष्टसिद्धि नवनिधि मिले, मनवांछित फल पाए ||
श्री गुरु चरण शरण में आयो, देख दरश मन अति सुख पायो,
दत्त नाम दुःख भंजन हारा, बिजली पात्र तले धरनारा ||
अमृत बरसता है, दादा की आँखों से,
दिखेगा भाव से, होजा समर्पित तू,
दादा के भजनो में, चलेगा साथ ये, हो....
पूरा रख विश्वास, पूरा रख विश्वास,
सिद्धाचल ना वासी, विमलाचल ना वासी,
जिनजी प्यारा, आदिनाथ ने वन्दन हमारा
प्रभुजिनु मुखडु मलके,
नैनोमाथी वर्से अमीरस धारा,