Library > प्रभु भक्ति
कल्याण केली कंगम रजोहरण ने वंदन

तुझ शौर्यता पर जाऊं वारी
कर्म जंगें जीत थई तारी
धीमा धीमा पण मक्कम डगने
कदमों भरजे प्रभु ना पगले

मेरी पहचान महावीर है

अस्त्र ना करे, शस्त्र ना करे
करती जो असर वाणी तेरी
अंतर मे बसी, चिंता ज़ीव की
करते जो बसर, दुनिया तेरी

रहेशे मारा श्वासे आजीवन तारुं स्थान

रहेशे मारा श्वासे, आजीवन तारुं स्थान,
कारण के तारा शिखरे शोभे भगवान
रहेशे मारा श्वासे, आजीवन तारुं स्थान,
कारण के तारा शिखरे शोभे भगवान

एवो मने प्रेम छे

मड़वा प्रभु हरपल तने, मन मारु बावरु,
सपना माही देखाय छे, माने मुखडूं तहरु (2)
भूली शाकूं ना तने, ऐवो माने प्रेम छे,
तारा विना जीवि शाकू ना, एवु माने प्रेम छे,

क्या हूँ पामूं तने समझावो प्रभु

क्या हूँ पामूं तने समझावो प्रभु,
केटलुं चालूं हूँ,
थोड़े आओ प्रभु
क्या हूँ पामूं तने समझावो प्रभु,

तारा विना सूना अमें

मान्यूं के तैं संयम लिधु,
मान्यूं संसार ने त्याजी दिधो
पण राग तारो अमथी ना छुटे
मान्यूं के तूं वैरागी छे,

शांतिजिनंद उपकारी

अचिरगृहण निवासी
अचिरकुख़े प्रकाशी
शांतिजिनंद उपकारी
शांतिजिनंद उपकारी

वामादेवी के प्यारे

वामादेवी के प्यारे, प्रभु अश्वसेन के दुलारे, (2)
ओ पारसनाथ.....
आपके चरनो मे,
हमसब का ...... वन्दन है।।

करते हैं दादा, तेरा हर पल शुक्रिया

करते हैं दादा, तेरा हर पल शुक्रिया,
खुशियां जो दी हैं, उसका भी शुक्रिया।
हम तेरा दिया खाएं, तेरा ही गुण गाएं,
जीवन दिया जो, उसका भी शुक्रिया॥

मेरे घर के आगे दादा

जब खीडकी खोलुं तो, तेरा दर्शन हो जाये (३)
मेरे घर के आगे दादा, तेरा मंदिर बन जाये
मेरे घर के ... मेरे घर के ...
जब आरती हो तेरी, मुजे घंट सुनाई दे