संयमी बनकर सिद्धिपथ पर मुझको अब चलना है,
पावन पंछी बनकर प्रभु के हृदयाकाश में विहरना है।
संयमी बनकर सिद्धिपथ पर मुझको अब चलना है,
पावन पंछी बनकर प्रभु के हृदयाकाश में विहरना है।
Library > प्रभु भक्ति
28 June, 2025
28 June, 2025
तुझ शौर्यता पर जाऊं वारी
कर्म जंगें जीत थई तारी
धीमा धीमा पण मक्कम डगने
कदमों भरजे प्रभु ना पगले
27 June, 2025
अस्त्र ना करे, शस्त्र ना करे
करती जो असर वाणी तेरी
अंतर मे बसी, चिंता ज़ीव की
करते जो बसर, दुनिया तेरी
27 June, 2025
रहेशे मारा श्वासे, आजीवन तारुं स्थान,
कारण के तारा शिखरे शोभे भगवान
रहेशे मारा श्वासे, आजीवन तारुं स्थान,
कारण के तारा शिखरे शोभे भगवान
27 June, 2025
मड़वा प्रभु हरपल तने, मन मारु बावरु,
सपना माही देखाय छे, माने मुखडूं तहरु (2)
भूली शाकूं ना तने, ऐवो माने प्रेम छे,
तारा विना जीवि शाकू ना, एवु माने प्रेम छे,
27 June, 2025
क्या हूँ पामूं तने समझावो प्रभु,
केटलुं चालूं हूँ,
थोड़े आओ प्रभु
क्या हूँ पामूं तने समझावो प्रभु,
27 June, 2025
मान्यूं के तैं संयम लिधु,
मान्यूं संसार ने त्याजी दिधो
पण राग तारो अमथी ना छुटे
मान्यूं के तूं वैरागी छे,
27 June, 2025
वामादेवी के प्यारे, प्रभु अश्वसेन के दुलारे, (2)
ओ पारसनाथ.....
आपके चरनो मे,
हमसब का ...... वन्दन है।।
27 June, 2025
करते हैं दादा, तेरा हर पल शुक्रिया,
खुशियां जो दी हैं, उसका भी शुक्रिया।
हम तेरा दिया खाएं, तेरा ही गुण गाएं,
जीवन दिया जो, उसका भी शुक्रिया॥

