Friday, 27 June, 2025
meri pehechan mahavir hai, meri pehecahn, mahaveer
अस्त्र ना करे, शस्त्र ना करे
करती जो असर वाणी तेरी
अंतर मे बसी, चिंता ज़ीव की
करते जो बसर, दुनिया तेरी
है वर्धमान, केवलघ्यानी
जैनो की शान महावीर है
मेरा अभिमान महावीर है
मेरी पहचान महावीर है
जो सत्य अहिंसा से पाया
जग में वो नाम महावीर है
मेरा अभिमान महावीर है
मेरी पहचान महावीर है
अंधेरो ने पग पसारे
तब धरा पे तुम पधारे
कर दिया त्रिलोको में उजाला।
वीर ने जो राह दिखाई
चलना वही अनुयायी।
मिल जाए भव का हर किनारा
उस वीर के पावन नैन बनो
पंथ भूल के सारे जैन बनो
जिओ और जीने का दो नारा
जिनशासन का जो ध्रुव तारा
हम पर वरदान महावीर है
मेरा अभिमान महावीर है
मेरी पहचान महावीर है
है वर्धमान, केवलघ्यानी
जैनो की शान महावीर है
मेरा अभिमान महावीर है
मेरी पहचान महावीर है