जनम जनम का दास हूँ... गुरुदेव तुम्हारा-2
जीवन नैया डोल रही है... दे दो इसे सहारा।।
अपने मन मन्दिर में, तेरी ज्योत जलाऊँ।
अपने मन दर्पण में, तेरा ध्यान लगाऊँ ।
Library > प्रभु भक्ति
अरिहंतो को नमस्कार
श्री सिद्धों को नमस्कार
आचार्यों को नमस्कार
उपाध्यायों को नमस्कार
सुनलो अरज अब, म्हारी सांवरिया।
किन बिध पाऊं मैं थारी डमरिया |
थारे दर्शन रा ऐ प्यासा नैना ,
वाटडली थारी जोवे
जिनराया मेरे मन भाया ।
तुम बिन कोई न दिल भाया ॥
तू सब दुःख को हरता है
मोक्ष का मालिक कर्ता है
वीर भजले रे भाया वीर भजले
जरा सी ओहो। .. थोड़ी सी केहणो म्हारो मान
भाया वीर
मुट्टी बांध्यो आयो रे भाईडा , हाथ पसारयो जासी
मोरा तो मन हर लियो रे प्रभु तोरी मुरतीया
आये नजर नही जग मे– रे कोई ऐसी सुरतीया
मोरा तो मन
तोरे दरश बिन जियरा न माने
अजमेर वाले दादा दादा तेरी जय जयकार
जय जयकार
तुने मुझे प्यारे दादा
मैं आया में प्यारे दादा
हे शंखेश्वर पार्श्व जिनेश्वर, अर्जी सुनो हम लायें।
अर्जी सुनो हम लायें
हे शंखेश्वर
नाव पुरानी हैं, पार लगानी है
कठासु आयो मोती कढासु आयो हिरो
ठा भयो हे म्हारी चंदन बाई रो बीरो
शत्रुंजय सु आयो मोती
गिरनार सु आयो हिरो
मानुष तनपा करके कभी न मन करे अभिमान
दिल में बसाले भगवान
धन का भरोसा क्या, कब लूट जायेगा
तन का भरोसा क्या कब छूट जायेगा