दोष थी हर्यो भर्यो छुं छतां,
दादा तुजने मळवानी घणी आश छे,
हुं तने नीरखी शकुं ना तने भले दादा,
तुं परंतु मारी आसपास छे
Library > प्रभु भक्ति
हे पूरण गाम संभवनाथ विराजे ...
हे मारा पुण्प नगरे पूरण रे संभव नाथ छाणे ...
हे प्यारी प्यारी मूरत एनी कामित पूरण राजे रे,
तनमनधनी भक्ति करवा चालो पाईए रे आजे,
जब से थामा है तूने मेरे हाथ को,
में भूल गया सारी क़ायनात को .. (२)
के तेरे बिना कोई भी नहीं मेरा .. (२)
अब तेरे बिना कोई भी नहीं मेरा ..
छोटीसी उमरमां मारी दीक्षा कराई दी,
गुरुदेव ना हाथे मने ओघो अपाई दी,
दीक्षा कराई दी ने साधु संत बनाई दी,
गुरुदेव ना हाथे मने ओघो अपाई दी ... [१]
राजुलनी राह ने छोड़ी
मुक्तिना मांडवे दोड़ी
राजुलनी राह ने छोड़ी,
मुक्तिना मांडवे दोड़ी
उवसग्गहरं पासं, पासं वंदामि कम्म-घण मुक्कं ।
विसहर विस णिण्णासं, मंगल कल्लाण आवासं ।।१।।
विसहर फुलिंगमंतं, कंठे धारेदि जो सया मणुवो ।
तस्स गह रोग मारी, दुट्ठ जरा जंति उवसामं ।।२।।
तारा मिलननी लगन, मने पागल बनावे छे;
प्रभुजी तमारो प्रेम, मने कागळ लखावे छे ...
प्रभुजी तमारो प्रेम, मने घायल बनावे छे ...
लखुं छुं प्रेम कागळिया, ओ मारा व्हालम वीतरागी !;
थशे साचूं, हवे श्यामनु,
हर्ष पायो, आत्मा रे ...
सहू थी पल, थवा चाहूं,
मन चाहे छे, मुक्ति नी धारा रे ...
नवी दुनियामां मारो नवो जनम,
हवे बनशुं मुनिवरं
गुरूमैया आपो मुनिधरम,
हवे बनशुं मुनिवरं
संयमी बनकर सिद्धिपथ पर मुझको अब चलना है,
पावन पंछी बनकर प्रभु के हृदयाकाश में विहरना है।
संयमी बनकर सिद्धिपथ पर मुझको अब चलना है,
पावन पंछी बनकर प्रभु के हृदयाकाश में विहरना है।