मेरे दोनो हाथो में, ऐसी लकीर है,
दादा से मिलन होगा, मेरी तकदीर है,
लिखा है ऐसा लेख दादा, लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा, लिखा है ऐसा लेख।।
Library > प्रभु भक्ति
हे उपकारी! कृपा वरसावो..सिद्धशीलाए मने तेडावो
राह जोउं…राह जोउं, प्रभु आवशे ने लइ जाशे... (२)
प्रभु आवशे ने लइ जाशे…प्रभु आवशे ने लइ जाशे
जन्मोनी प्रीति मारी आंखो बोले, आंसुओना सागर छलके
नाम है तेरा तारण हारा
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी
सुंदर वो कितना सुंदर होगा
શાંતિનાથનો કીજે જાપ, ક્રોડ ભવોનાં કાપે પાપ
શાંતિનાથજી મ્હોટા દેવ, સુરનર સારે જેહની સેવ...૧
દુઃખ દારિદ્ર જાવે દૂર, સુખ સંપત્તિ હોવે ભરપૂર
ઠગ ફાંસીગર જાવે ભાગ, બળતી હોવે શીતળ આગ...૨
तू मने भगवान एक वरदान आपी दे,
ज्या वसे छे तु मने त्या स्थान आपी दे...(2)
हु जिवु छु ऐ जगतमा ज्या नथी जीवन,
जिंदगी नु नाम छे बस बोझ ने बंधन,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार।
सुख में प्रभुवर तेरी याद ना आयी,
दुःख में प्रभुवर तुमसे प्रीत लगाई।
जिसने राग द्वेष कामादिक जीते सब जग जान लिया
सब जीवोको मोक्षमार्ग का निस्पृह हो उपदेश दिया
बुध्ध, वीर, जिन, हरि, हर, ब्रम्हा, या उसको स्वाधीन कहो
भक्ति-भाव से प्रेरित हो यह चित्त उसी में लीन रहो ||1||