बरसा पारस सुख बरसा

Barsa Paras Sukh Barsa, barsa

बरसा दादा सुख बरसा,
आंगन आंगन सुख बरसा (2)
चुन चुन कांटे नफरत के,
प्यार अमन के फूल खिला…
बरसा दादा..

द्वेष–भाव को मिटा,
इस सकल संसार से,
तेरा नित सुमिरन करें,
मिल–जुल सारे प्यार से,
मानव से मानव हो ना जुदा…
आंगन आंगन सुख बरसा
बरसा दादा, सुख बरसा

झोलियां सभी की तु,
रहमों–करम से भर भी दे,
पीर–पर्वत हो गयी,
अब तो कृपा कर भी दे,
मांगे तुझसे ये ही दुआ…
आंगन आंगन सुख बरसा
बरसा दादा, सुख बरसा

कोई मन से है दुखी,
कोई तन से है दुखी,
हे प्रभु ऐसा करो,
कुल जहान हो सुखी,
सुखमय जीवन सबका सदा…
बरसा दादा..

 

Source - Barsa Data Sukh Barsa | Dhan Nirankarji Bhajans