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श्री पारसनाथ स्त्रोत्र
श्री पारसनाथ स्त्रोत्र

नरेन्द्रं फणीन्द्रं सुरेन्द्रं अधीशं,                      शतेन्द्रं सु पूजैं भजै नाय शीशं...

मेरी भावना
मेरी भावना

जिसने राग द्वेष कामादिक जीते सब जग जान लिया
सब जीवोको मोक्षमार्ग का निस्पृह हो उपदेश दिया