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याद नथी भूलवी सहेली
याद नथी भूलवी सहेली

शीदने आवडी कीधी उतावळ, बोलो ने गुरु मा.. 

नेण ढळे छे आंसुने भारे, पाछा वळो गुरु मा.. 

जब कोई बात बिगड जाये

सद् गुरू सत्य जणावे छे 

सद् गुरू धर्म भणावे छे 

गुरू मांना पगलां पड्या

गुरू मांना पगलां पड्या ने आनदं छायो 

उत्तसव अनेरो आजे आंगण रे आव्यो 

उपकार कर्या मुज पर

उपकार कर्या मुज पर, एना गुण हुं विसारुं छुं 

केवो बदलो में वार्यो, हुं एज विचारुं छुं… 

केवुं धन्य जीवन जीवे छे मुनिराय

केवुं धन्य जीवन जीवे छे मुनिराय, 

निरखुंने आंखोमां, अमृत छलकाय… 

 

रात गुरु सपनें में आये

रात गुरु सपने में आये 

अखियाँ खुल गयी खुल गयी अखियाँ      अरे रे रे रे .......

मेरी लागी गुरु संग प्रीत...

मेरा कस के पकड़ लो हाथ, छुड़ाऊं तो छुड़ाया नहीं जाये।।