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अरिहंत परमात्मा स्तुति
अरिहंत परमात्मा स्तुति

 

कभी प्यासे को पानी। जैन भजन
कभी प्यासे को पानी। जैन भजन

कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा ।
कभी गिरते हुए को उठाया नहीं बाद आंसू बहाने से क्या फायदा ।।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा।।
मैं तो मंदिर गया पूजा आरती की पूजा करते हुए ये ख्याल आ गया ।

एक वार नेम मारी सामु जुओने
एक वार नेम मारी सामु जुओने

सामु जुओ ने मारे सामु जुओने, एक वार नेम मारी सामु जुओने
करुणा दृष्टि थी मारे सामु जुओने, अमिदृष्टि थी मारी सामु जुओने 
सामु जुओ ने मारे सामु जुओ ने, एक वार नेम मारी सामु जुओने ||1||
निगोद ना दिवसों मने यादज आवता, हु अने तू रह्या एकज धाम मा

जय जय गरवो गिरनार
जय जय गरवो गिरनार

नेम प्रभु ना पावन पगले थयो धन्य पेलो गीरनार
जय गीरनार, जय गीरनार, जय जय गरवो गीरनार
जय जय गरवो गीरनार, जय जय गरवो गीरनार
नेमनाथ गीरी शणगार, जय जय गरवो गीरनार

आज नहीं तो कल जाना है
आज नहीं तो कल जाना है

 

 

मेरे दोनों हाथो में ऐसी लकीर है
मेरे दोनों हाथो में ऐसी लकीर है

मेरे दोनो हाथो में, ऐसी लकीर है,
दादा से मिलन होगा, मेरी तकदीर है,
लिखा है ऐसा लेख दादा, लिखा है ऐसा लेख,
लिखा है ऐसा लेख दादा, लिखा है ऐसा लेख।।

हे उपकारी कृपा वरसावो
हे उपकारी कृपा वरसावो

हे उपकारी! कृपा वरसावो..सिद्धशीलाए मने तेडावो
राह जोउं…राह जोउं, प्रभु आवशे ने लइ जाशे... (२)
प्रभु आवशे ने लइ जाशे…प्रभु आवशे ने लइ जाशे
जन्मोनी प्रीति मारी आंखो बोले, आंसुओना सागर छलके

Adinath Mein Toh Pakdayo Taro Hath Mane Dejo Sada Sath | Jain Bhajan | Jainkart Blogs
Adinath Mein Toh Pakdayo Taro Hath Mane Dejo Sada Sath | Jain Bhajan | Jainkart Blogs
व्हाला आदिनाथ में तो पकड्यो तारो हाथ,
मने देजो सदा साथ.. हो.. व्हाला आदिनाथ हो
आव्यो तुम पास.. लइ मुक्तिनी एक आश,
मने करशो ना निराश..
नाम है तेरा तारण हारा
नाम है तेरा तारण हारा

नाम है तेरा तारण हारा
कब तेरा दर्शन होगा

जिनकी प्रतिमा इतनी
सुंदर वो कितना सुंदर होगा

हे पतित पावन विश्व वात्सल पार्श्व शंखेश्वर प्रभु  I प्राचीन स्तवन
हे पतित पावन विश्व वात्सल पार्श्व शंखेश्वर प्रभु I प्राचीन स्तवन