he nath mane lagyo che, he nath
श्रावक जीवननी उत्कृष्ट आराधना,
उपथान नी साधना नो रंग ..
लाग्यो मने उपधान नी साधना नो रंग ...
श्रमण धर्मनी छे रुडी उपासना,
उपधान नी साधना नो रंग ..
हे नाथ मने लाग्यो ... (३) छे साधना नो रंग ...
हे नाथ मने लाग्यो छे उपधान नो रंग ...
हे नाथ मने लाग्यो छे साधना नो रंग ...
हे ... हे .. महानिशिध सूत्र ना पाने वर्णाव्यो छे,
उपधान नी साधना नो रंग ...
लाग्यो मने उपधान नी साधना नो रंग ..
साधु ने संतो ए शास्त्रो मां भाख्यो छे,
उपधान नी साधना नो रंग ..
हे नाथ मने लाग्यो ...
हे ... अंतर नी धारा मां भींजाता भींजाता,
उपधान नी साधना नो रंग ...
लाग्यो मने उपधान नी साधना नो रंग ..
देव गुरु निश्रामां साधक ए साध्यो छे,
उपधान नी साधना नो रंग ...
हे नाथ मने लाग्यो ...
हे .. हे .. सो सो लौगस्स, सो सो खमासमणा,
उपधान नी साधना नो रंग ...
लाग्यो मने उपधान नी साधना नो रंग ..
उपवास नीवी ना सथवारे रमतो ए,
उपधान नी साधना नो रंग ..
हे नाथ मने लाग्यो ...
हे .. रूडां हेम नी कांति ए झळहळतो दीठो छे,
उपधान नी साधना नो रंग ...
लाग्यो मने उपधान नी साधना नो रंग ..
रूडो अवसरियो प्रियंकार ना गाणे रंगातो,
उपधान नी साधना नो रंग ..
हे नाथ मने लाग्यो ...