Saturday, 7 October, 2023
Mahaveer Ji Ke Dar Pe
mahaveer ji ke dar pe
(तर्ज- कबुतर जा जा जा)
आ आ आ
रे प्राणी आ...... आ...... आ
महावीर जी के दर पे आके हो 2
महावीर जी के गुण गा........ गा.....
रे प्राणी......
जब से नाम भुलाया तेरा लाखो कष्ट उठाये हैं
ना जाने इस जीवन मे हो कितने पाप कमाऐ हैं
सच्चे मन से स्वामी जी से हो 2
मन वंचित फल पा.....
रे प्राणी ...
श्रद्धा भाव से जो थी प्रभु की माला आके जपते हैं
मनोकामना फिर भक्तों की पुरी स्वामी करते हैं
दुखीयो के वो ही रखवाले ओ.
सदीयों शीश झुका
रे प्राणी ...
जुल्मोने वही चंदन को बाजार बिच बिकवाया था 2
जेलो मे चंदनबाला को ही सुरभो ने जलाया था
तीन दिवस का व्रत कर बाला हो 2
फिर बीर दरश दिया
रे प्राणी .......