mangu hu guruvar saiyam, mangu hu, mangu hu guruvar
जीवननी बदली दिशा,
बदली आतमनी दशा,
परम सुखमां रहेवानी,
अंतरनी मनोदशा
मांगुं हुं गुरुवर संयम, अभयपथनी रे सरगम,
आपो ने मुजने संयम, संयम संयम ...
आपो ने आपो संयम, आपो ने जल्दी संयम,
मांगुं हुं गुरुवर संयम, संयम संयम ...
जिनवरना आर्य बनवा
संसारी नाता तजवा
रेकरमोना चूरा करवा
ए विरना वृंदे भळवा
ओघो लईने नाचुं, विरति प्यारी याचुं
उज्जवल वेष सजी, गुरुवर संगे राचुं (2)
मांगुं हुं गुरुवर संयम ...
में गुरुवचनो ग्रहीने, ए मारग साचो चहीने
ने जगनो संग तजीने, तनमन मारा सजीने
नंदी क्रिया करवा, नाणनी सामे झुमवा
प्रभुमां अंकित थईने, आत्मनंदी बनवा (2)
मांगुं हुं गुरुवर संयम ...
हुं हरपळ झंखुं एवा
विनयना शिखरे रेवा
गुणमय जीवन केरा
जल्दी मळजो रे मेवा
गीतार्थ गुरुर पाउं, कृतार्थ हुं बनी जाउं
अभयपथना अजवाळे, आतमने दिपाउं (2)
मांगुं हुं गुरुवर संयम, अभयपथनी रे सरगम,
आपो ने मुजने संयम, संयम संयम ...
आपो ने आपो संयम, आपो ने जल्दी संयम,
मांगुं हुं गुरुवर संयम, संयम संयम ... (2)
Source - Mangu Hu Guruvar Saiyam | Jainam Varia | Ankit Shah | Abhaypath