बुधवार, 11 अक्तूबर 2023
प्रभु तुम दर्शन जो पाऊँ
प्रभु तुम दर्शन जो पाऊँ, जिणंद नयनो में समा जाऊँ
रांखुं अपने हृदय कमल में, पलक विसराऊँ
जो प्रभु मेरे तुम बनो चंदन, में पानी बन जाऊँ 2
चंदन के संग घुल मिलकर में, प्रभु मस्तक पर लग जाऊँ
प्रभु ||1||
जो प्रभु मेरे, तुम बनो सागर में नदियाँ बन जाऊँ
निर्मल जल की नदियाँ बनकर, तेरे में मिल जाऊँ
प्रभु ... ||2||
जो प्रभु मेरे तुम बनो दुधीयन में चिनी बन जाऊँ
चिनी बनकर दूध में घुलकर, अमृत सा हो जाऊं
प्रभु ||3||
जो प्रभु मेरे तुम बनो स्वामी, में सेवक बन जाऊँ
'शिखर' तुम्हारा सेवक बनकर, ज्योत में ज्योत मिलाऊँ
प्रभु ||4||