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थोड़ासा प्यार हुआ है

Thodasa Pyaar Hua Hai

(तर्ज : थोड़ासा प्यार हुआ है) 

आसरा एक तेरा, एक तेरा सहारा 
सुनले फरियाद मेरी, मैंने तुमको पुकारा। 

जख्म जग ने दिया है, घाव किसको दिखाऊं। 
कोई अपना नहीं है, हाल किसको सुनाऊं। 
एक बस तुझपे दादा, जोर चलता है मेरा। 
आसरा .....।।1।। 

आंधियाँ चल रही है, रात भी है तुफानी। 
बडा गहरा भंवर है, और कश्ती पुरानी। 
आज मजबुर होके, हमने तुमको पुकारा। 
आसरा .....||2|| 

दर्द दिल मे भरा है, दादा तु बाँट लेना। 
भेट ये अवगुणों की, दादा स्वीकार लेना। 
मेट करके बुराई, तुने कितनों को तारा।
आसरा .....||3||

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