Trishla Nandan Jai

(तर्ज- दिल दिवाना) 

त्रिशला नंदन जय जय भंजन 
दरश देना 2 
तेरे द्वार खड़ी प्रभु विनंती सुन लेना 
दर दर भटके जन्म जन्म से महावीरा 
तेरे द्वार ...2

कोई चढाएँ छत्र नारियल कोई ध्यान लगाये 
करे आरती पुजा तेरी स्वामी ज्योत जगाकर 
चरण खड़े हैं दर्श भिखारी सुन लेना 
तेरे द्वार ॥1॥ 

श्रीपाल को देखो स्वामी पार किया था तुमने 2 
सेठ सुदर्शन को सुली से बपा लिया था तुमने 
आशा पुरी भक्तों की तुम कर देना 
तेरे द्वार ॥2॥ 

जीयो और जीने दो सबको ये संदेश सुनाया 
जो भी आया शरण में तेरी उसको दिया सहारा 
भक्त को नँय्या भव से पार लगा देना 
तेरे द्वार ॥3॥