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आगमन तारुं आगमन

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रोमे रोमे हर्षनी वृद्धि करावे छे, साधनाथी आत्मनी शुद्धि
करावे छे, आगमन तारुं आगमन ...

अंजावे आतमने कषायो चारनां आकर्षणो, 
मेळवता जेथी आफतो ने दुःख मुज आमंत्रणो,
राग रोष ने रोगना संजोग टाळे छे, 
सद्गुणोथी माहरी मैत्री करावे छे, आगमन तारुं आगमन...(१)

दोषो तणा ए वृंदने रहेतुं पडे दूरे हवे, 
विषयो करे ईर्ष्यान कोई रही शके भीतर हवे,
दंभनी दुर्गंधने दूरे धपावे छे, गुणना अत्तरथी अंतर
मघमघावे छे, आगमन तारुं आगमन ... (२)

लागे छे मारग माहरो झाझो नथी दूरे हवे, 
चालुं भले धीमुं छतां थाशे सफर पूरी हवे, 
कंटकोने मार्गना पुष्पो बनावे छे, 
दई अडग साहस पथिक शूरो बनावे छे, 
आगमन तारं आगमन ... (३)

 

Source - Aagman | Jatin Bid

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