bhakti, guru, guruvandana
(तर्ज : तू प्यार का सागर है - सीमा)
बाबा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाये,
चरणों की रज पाकर, तकदीर सँवर जाये।
बाबा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाये।
मेरा मन बड़ा चंचल है, कैसे इसे समझाऊँ,
प्रतिपल ये मचलता है, कैसे वश में लाऊँ,
मुझे अपनी शरण ले लो, जीवन ही बदल जाये।
वीरा तेरे चरणों की ..... ।
नजरों से गिराना ना, चाहे कितनी सजा देना,
मेरी नाव भँवर में है, उसे पार लगा देना,
नजरों से गिर जाये, वो कैसे संभल पाये।
पारस तेरे चरणों की ..... ।
तेरी पावन यश गाथा, सारा जग गाता है,
प्रभु वाणी पर चलकर, निर्वाण को पाता है,
बस ये विश्वास लिये, तेरी भक्ति में रम जाये।
बाबा तेरे चरणों की ..... ।
बस एक तमन्ना है, तुम सामने हो मेरे,
बहु आश लिये आया, चरणो में प्रभु तेरे,
तुम सामने हो मेरे और प्राण निकल जायें,
गुरुवर तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाये,
चरणों की रज पाकर, तकदीर संवर जाये।
बाबा, वीरा, पारस, गुरुवर तेरे चरणों की .....