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Library > गुरु गुणानुवाद
सिद्धिगमननी आ छे शुभ साधना

गुरुआणनी करवी हवे आराधना
सिद्धिगमननी आ छे शुभ साधना
पलपल रमुं वैराग्यमां, मनोकामना
सिद्धिगमननी आ छे शुभ साधना

गुरु का आगमन

कुम कुम पगले आप पधारो
दोनों हाथों से आशीष लूट लो
आनंद से झूमें ये मन
जीवन हुआ है धन्य धन

भक्ति / गुरु

बाबा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाये,
चरणों की रज पाकर, तकदीर सँवर जाये।
बाबा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाये।
मेरा मन बड़ा चंचल है, कैसे इसे समझाऊँ,

दादा कुशल गुरुदेव स्तवन

कुशल गुरु क्यों न देते हो, कहो दर्शन मुझे अपना।
अगर जो दूर रहना था, बनाया दास क्यों अपना ।।टेर।।
तुम्हारा मैं हुआ जब से, सदा तब से तड़फता हूँ।
न तड़फाना तुम्हें लाजिम, दरश दो देव बस अपना ।।१।।

दादा गुरुदेव इकतीसा

श्री गुरुदेव दयाल को, मन में ध्यान लगाए,
अष्टसिद्धि नवनिधि मिले, मनवांछित फल पाए ||
श्री गुरु चरण शरण में आयो, देख दरश मन अति सुख पायो,
दत्त नाम दुःख भंजन हारा, बिजली पात्र तले धरनारा ||

सुना है आँगन - विदाई गीत

सुना है आँगन,
और सुना ये मन,
गुरुवर ना जाओ,
यही कहती है धड़कन,

गुरुदेव को खत

गुरुदेव मैं तुमको खत लिखता,
पर तेरा पता मालूम नहीं।
दुख भी लिखता सुख भी लिखता,
पर तेरा पता मालूम नहीं 

गुरु तेरे चरणों की धूल जो मिल जाये

गुरु तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाये, 
सच कहती हूँ मेरी, तकदीर संवर जाये। 
गुरु तेरे चरणों की ॥
सुनते हैं दया तेरी, दिन रात बरसती है

याद नथी भूलवी सहेली
याद नथी भूलवी सहेली

शीदने आवडी कीधी उतावळ, बोलो ने गुरु मा.. 
नेण ढळे छे आंसुने भारे, पाछा वळो गुरु मा.. 
तमे लीधी विदाय व्हेली 
याद नथी भूलवी सहेली… 

सद् गुरू सत्य जणावे छे

सद् गुरू सत्य जणावे छे 
सद् गुरू धर्म भणावे छे 
मने स्थिर बनावे छे मारा गुरू … 
सद् गुरू संगे सूख मळे