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Library > गुरु गुणानुवाद
पावन गुरु का दरबार है

पावन गुरु का दरबार है,
दादा बड़े ही दिलदार हैं 
हो... 
सच्चा गुरु से जिन्हें प्यार हैं, 

टांबरीया थारा

टांबरीया धारा आया बाबा भोमियां,
झूमता गांवता 2-थारे दरबार में
टांबरीया थांरा...
समकित धारी बाबा के पुकार तो सुनो

गुरु वंदना

गुरुदेव ! तुम्हे नमस्कार बार बार हैं
श्रीचरण शरण से हुआ, जीवन सुधार है ।।गुरुदेव।। 
अज्ञान - तम हटाके ज्ञान ज्योति जगा दी
दृढ आत्मज्ञान में अखण्ड दृष्टी लगा दी

इतनी शक्ति हमे देना गुरुवर

इतनी शक्ति हमें देना गुरुवर,
मन का विश्वास कमजोर हो ना, 
हम चले नेक रस्ते पे हमसे, 
भुलकर भी कोई भूल हो ना।

ओ गुरु सा थारो चेलो बनु मै

ओ गुरु सा थारो चेलो बनु मै
के थारो चेलो बनु मै
हर पल तेरे साथ रहु मै. . .
पहला रुषभ देव जिनजीने वोंदु ( २ )

परमात्मा बनी जाशे मारो आत्मा
परमात्मारथी रंगाशे मारो आत्मा,
परमात्मा बनी जाशे मारो आत्मा...
थाशे प्रभुनुं मिलन वातवातमां,
परमात्मा बनी जाशे मारो आत्मा...