झूले महावीरजी खेले महावीरजी
झीणी झीणी घूघरीओ गावे
रुड़ां पारणिये रमे देवदेवीओने गमे
मोंघा महेलोमां बाळपण वीतावे
झूले महावीरजी खेले महावीरजी
झीणी झीणी घूघरीओ गावे
रुड़ां पारणिये रमे देवदेवीओने गमे
मोंघा महेलोमां बाळपण वीतावे
वीर प्रभुजी पधारो राज, वीर प्रभुजी पधारो,
विनंती मुज अवधरो राज, वीर प्रभु – ए आंकणी…
चंदनबाळा अति सुकुमाळा, बोले ववण रसाळा,
हाथने पगमां जडी दिया ताळा सांभळा दिनदयाळा.
मारा वीरनुं शासन गाजे,
महावीरनुं शासन गाजे
मारा वीरनुं शासन गाजे,
महावीरनुं शासन गाजे…
जय जय जिनराया, स्वामी जय जय जिनराया ।
आरति करूं मन भाया, होय कंचन काया ॥ जय जय ॥
जय जगदीश्वर, अति अलवेशर, वीर प्रभुराया
पतितउधारण, भव भय भंजन, बोध बीज दाया ॥ जय 1॥
जय जगदीश्वर अति अलवेसर वीर प्रभु राया
पतित 'उद्धरण भव भय भंजण बोध बीज पाया
जय जय जिन राया, आरती करूं मन भाया,
होय कंचन काया जय जय जिन राया।
जब मन विर गाये मन का अंधेरा जाये
ज्ञान का प्रकाश पाये, जागो हे मेरे मन महावीर स्वामी
जागो रे जागो रे जागो दुनिया जागो 2.
मगर नगर सब सथ मलियाँ जागी
आ आ आ
रे प्राणी आ...... आ...... आ
महावीर जी के दर पे आके हो 2
महावीर जी के गुण गा........ गा.....
सुनो सुनो मेरे महावीर स्वामीजी तुम आओजी
आके दर्श दिखाओ दिखाओजी, आओजी
स्वामी मेरे महावीर स्वामी
तुम्हारे बीना खाली जिंदगी का पिंजरा
त्रिशला नंदन जय जय भंजन
दरश देना 2
तेरे द्वार खड़ी प्रभु विनंती सुन लेना
दर दर भटके जन्म जन्म से महावीरा
सदियों से तेरा जिनवर दुनिया में नाम था सब की जुबान था।
महावीर स्वामी-अन्तयामी
अनुपम त्रिशला मां का सबको पैंगाम ॥ जग को सन्देश था।
महावीर स्वामी-अन्तरयामी ॥