din dukhi, din dukhiyaano
दीन दुःखियानो तुं छे बेली
दीन दुःखियानो तु छे बेलि तु छे तारणहार,
तारा महिमानो नहीं पार,
राजपाटने वैभव छोडी, छोडी दीधो संसार
तारा महिमानो नहीं पार, (१)
चंडकोशीयो डसियो ज्यारे, दुधनी धारा पगथी नीकळे;
विषने बदले दूध जोईने, चंडकोशीयो, आव्यो शरणे,
चंडकोशीयाने ते तारी, कीधो घणो उपकार
तारा महिमानो नहीं पार, (२)
कानमां खीला ठोक्यां ज्यारे, थई वेदना प्रभुने भारे तोये प्रभुजी,
शांति विचारे, गोवाळनो नहि वांक लगारे, क्षमा आपीने,
ते जीवोने, तारी दीधो संसार
तारा महिमानो नहीं पार, (३)
महावीर महावीर गौतम पुकारे, आंखोथी आंसुनी धार वहावे;
क्यां गया एकला छोडी मुजने, हवे नथी कोई जगमां मारे,
पश्चात्ताप एम करता करता उपवुं केवळज्ञान
तारा महिमानो नहीं पार, (४)
ज्ञान विमल गुरु वयणे आजे, गुण तमारा गावे हरखे,
थई सुकानी तुं प्रभु आवे, भवजल नैया पार उतारे,
अरज स्वीकारी, दिलमां धारी वंदन वार हजार
तारा महिमानो नहीं पार, (५)