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क्यों अपने घरों और दुकानों में घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति/फ्रेम होनी चाहियें?

क्यों अपने घरों और दुकानों में घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति/फ्रेम होनी चाहियें?

|| ॐ घंटाकर्ण महावीराय नमः ||

भारतीय संस्कृति और विशेषकर जैन धर्म में, देवी-देवताओं की उपस्थिति को घर और जीवन में सुख, शांति व सुरक्षा का आशीर्वाद माना गया है। घंटाकर्ण महावीर स्वामी जैन समुदाय के लिए संकटमोचक और रक्षक देवता के रूप में पूजनीय हैं। आज जानिए, क्यों हर जैन परिवार को अपने घर और दुकान के मुख्य द्वार पर घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति या फ्रेम जरूर लगानी चाहिए।

कौन हैं घंटाकर्ण महावीर स्वामी?
घंटाकर्ण महावीर स्वामी जैन धर्म में रक्षा, साहस और संकट से मुक्ति प्रदान करने वाले देवता के रूप में प्रसिद्ध हैं। कहा जाता है कि वे अपने भक्तों की हर उलझन, भय और नकारात्मकता को अपने बाण से नष्ट कर देते हैं। इसलिए, उनकी पूजा विशेष रूप से घर-परिवार और व्यापारिक स्थलों की सुरक्षा व समृद्धि के लिए की जाती है।

सकारात्मक रहन-सहन और मानसिक शांति मिलती हैं |  
जहाँ भी घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति उनके बाण के साथ सही दिशा में लगाई जाती है, वहाँ डर, बेचैनी, अशांति, या कोई भी नकारात्मक विचार प्रवेश नहीं कर पाते। घर के वातावरण में आत्मविश्वास, साहस और प्रसन्नता का संचार होता है। परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और समझ बनी रहती है।

व्यापार में वृद्धि और समृद्धि होती हैं |
दुकानों और व्यापारिक स्थानों के लिए भी घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति वरदान मानी जाती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को रोकती है और व्यापार में अचानक आने वाली बाधाओं,परेशानियों, या चोरी-धोखाधड़ी जैसी चीजों से भी रक्षा करती है। सही श्रद्धा से उनकी आराधना करने से व्यापार में स्थिरता और वृद्धि का मार्ग खुलता है।

हर जैन परिवार के लिए क्यों जरूरी है यह परंपरा?
जैन संस्कृति में परंपराएँ केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं हैं, ये प्रत्येक परिवार के मानसिक, सामाजिक और संवेदनात्मक विकास में सहायक हैं। घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति/फ्रेम स्थापित कर, हम अपने जीवन की हर परेशानी, डर और शंका को तिरोहित कर सकते हैं और सकारात्मकता की ओर बढ़ सकते हैं।
यह केवल आस्था नहीं यह सुरक्षा, ऊर्जा और समृद्धि का विज्ञान है।

मूर्ति/फ्रेम की स्थापना और पूजा कैसे करें?
घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति या फ्रेम को घर या दुकान के मुख्य द्वार (Entrance) के पास इस प्रकार लगाएँ कि स्वामी के हाथ का बाण हमेशा घर के बाहर की ओर रहे। यह दिशा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि स्वामी का बाण नकारात्मक ऊर्जा को रोककर उसे सकारात्मक शक्ति में परिवर्तित करता है, जिससे घर या व्यापार स्थल में सुख, सुरक्षा और शांति बनी रहती है। मूर्ति या फ्रेम को मुख्य द्वार के ऊपर या साइड में लगाना श्रेष्ठ माना जाता है। प्रतिदिन प्रातः वंदन करें, दीपक या अगरबत्ती जलाएँ, और परिवार के सभी सदस्य एक साथ सकारात्मक ऊर्जा व सुरक्षा की प्रार्थना करें। यदि संभव हो, तो विशेष पर्व या अवसरों पर घंटाकर्ण महावीर स्वामी का विशेष पूजन या मंत्र-जप भी करें।

घर और दुकान के मुख्य द्वार पर घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति/फ्रेम लगाना केवल एक परंपरा या दिखावा नहीं है, यह सुरक्षा, सकारात्मकता और समृद्धि का प्रबल स्रोत है।
चाहे मानसिक शांति की बात हो, पारिवारिक सुख, या व्यापार की सुरक्षा हर जैन परिवार और व्यापारी को अपने प्रवेश द्वार पर घंटाकर्ण महावीर स्वामी की मूर्ति/फ्रेम अवश्य स्थापित करनी चाहिए।

🤔क्या आपके घर या दुकान में घंटाकर्ण महावीर स्वामी विराजमान हैं? अपने अनुभव, सवाल और सुझाव नीचे कमेंट में साझा करें।


|| ॐ घंटाकर्ण महावीराय नमः ||

संकटमोचन देव आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाएँ!

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