यह मंदिर पुंजनि जैन धर्म के मूल सिद्धांत "अहिंसा परमो धर्म" का प्रतीक है, जो मंदिरों में मूर्तियों की शुद्धता बनाए रखने के लिए विशेष रूप से उपयोग की जाती है। यह नरम ऊन और लकड़ी की डंडी से बनी है, जो मूर्तियों की कोमल सतह को हानि पहुँचाए बिना उन्हें साफ करने में सहायक है। इसका कोमल डिज़ाइन सुनिश्चित करता है कि कोई भी सूक्ष्म जीव प्रभावित न हो, जिससे अहिंसा का पालन होता है। यह मंदिर की दैनिक पूजा और विशेष धार्मिक अनुष्ठानों के लिए आदर्श है। सफेद ऊन और हल्की लकड़ी की संरचना इसे मंदिर की पवित्रता को बढ़ाने वाली बनाती है। यह केवल एक सफाई उपकरण नहीं, बल्कि करुणा और जागरूकता का प्रतीक है, जो हर जैन अनुयायी के लिए अनिवार्य है। अपने मंदिर को पवित्र बनाए रखने और आध्यात्मिक शांति को गहराने के लिए इस पुंजनि को आज ही अपनाएँ!