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गिरनारे श्री प्रभु नेम छे

Girnare shri prabhu, girnare shri prabhu nem che, girnare shree


अग्यार हजार बसो कीलो सुव्णथी करी रक्षा
ए पेथडशानी तीर्थरक्षा एनी केवी अजबनी कक्षा
शक्ति फोरवी तीर्थभक्तिनी आपी सुंदर शिक्षा
होय संयमना मनोरथ तो नेमि आपे दीक्षा ...

हृदय मारू श्वास भरे छे, धबकार तो श्री नेम छे
साधना पंथे सत्त्वनो, रणकार तो श्री नेम छे
कोइना होय जो साथे मारी, सथवार तो श्री नेम छे
सर्वत्र छे सर्वस्व छे, देवाधिदेव नेम छे ...

गिरनारे श्री प्रभु नेम छे, ए नेमनो मने प्रेम छे
मन मां रमतुं दिल ने गमतुं, नाम व्हालुं नेम छे ... (2)

तुं गिरनारे बिराजे छे, हुं संसारे खोवायो छुं
क्यारे मळशे मुजने तु, ए प्रश्ने परोवायो छुं
चोर्याशी हजार वर्षोथी, नेम तुं अही सोहे छे
लाख चोराशी योनि भटक्यो, आजे तु मने मोहे छे
तारी मारा उपर जाणे, आजे अनहद रहेम छे
तारा चरणे सोप्युं जीवन, मारो स्वामि नेम छे ...

काजल ना अंजन जेवा, सुंदर नेमि निरंजन छे
झाकळ जेवुं भीनुं-भीनुं, नेमि तारू स्पर्शन छे
कामणगारू रूप तमारू, जोयुं मै पलवार
लागे तुजने पामी आजे, धन्य थयो अवतार
अघरू अघरू जीवतर मारू, करतां सहेलुं नेम छे
मुमुक्षुओने मुनिजीवन, आपे वहेलु नेम छे ..

 

Source - Girnare shree prabhu nem che

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