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Library > गिरनार स्तवन
नेम राजुल पंथे

संयम, मुझ आत्मा नो नाद साचो संयम,
शीघ्राति शीघ्र मुझने मलजो रे।।
संयम,मुझ हृदय नो धबकार साचो संयम,
शीघ्राति शीघ्र मुझने मलजो रे।।

मारे बनवू नेम गिरनारी नेम

नेम नो हेम ... हेम नो नेम ... नेम नो हेम
नेम नो हेम ... हेम नो नेम ... नेम नो हेम
तारा पंथे चालवा तरी साथे दोडवा
प्रभु आवु तारी पासे तारो हाथ झालवा

घनिष्ट प्रेमी थाशुं अमे अरिष्ट नेमिना

नेमि प्रेमी ... ओ मारा अरिष्ट नेमि
अमे नेमि प्रेमी ... ओ मारा अरिष्ट नेमि (2)
पंचम श्यामल श्रमण पदे हुं नेमना रंगे रंगाऊं छुं
प्रभु नेम मारो ज छे हुं नेमनो थवा जाऊं छुं ...

गिरनारी ना नेम (धोम धखतां तापमां)

धोम धखतां तापमां तमे शीतळ छाया छो ...
गिरनारी ना नेम तमे हैये समाया छो ...
धोम धखतां तापमां तमे शीतळ छाया छो ...
गिरनारी ना नेम तमे हैये समाया छो ...

गिरनारे चली गयो

रोए चे चाचू कहनारा
तर्स्या तारा प्रेम वहलना
राग साघडू जोई
गिरनारे चली गयो

नेम राजुल ने मोक्ष मड़यो

एतो राजुल नाथ, एतो जगनो रे नाथ
राजुल राणी ना केवा साचा भरतार,
एतो राजुल नाथ, एतो जगनो रे नाथ
एतो सौना रे दिलडा नो साचो नेमनाथ,

नेम चरण

गिरनार नागर, नेम प्रभुवर, तरसे मारो मन
आओ तारी याद सतावें नेम प्रभुवर
बरसे नैना, तरसे नैना कब दोगे दर्शन
जूनागढ़ नी धरती कहती मिल जाओ भगवन

गिरनारी तू नेमि (गिरनारी तू वीतरागी तू)

गिरनारी तू, वीतरागी तू,
मुझ मुख तनु छे स्मित तू,
गिरनारी तू, वीतरागी तू,
उपकारी तू नेमि, छे मारी प्रीत तू ... (2)

नेम मारी आंखो मा छे

नेम मारी आंखोमां छे,
नेम मारा हैयामां छे,
नेम मारी यादोमां छे,
नेम मारा सपनामां छे,

श्री नमिनाथ आरती

श्री नमिनाथ जिनेश्वर प्रभु की, आरति है सुखकारी।
भव दुःख हरती, सब सुख भरती, सदा सौख्य करतारी।।
प्रभू की जय ............. ।। टेक।।
मथिला नगरी धन्य हो गई, तुम सम सूर्य को पाके,