यादो मा ने स्वप्नो मा बस तुं छे दिन रात,
ज्यारे थी भेट्यो तुजे बस एक तारी वात,
तुं दोष संताप टाळे, तुं भवसागर थी उगारे,
तुं कर्म कोडो ना बळे, तुं पापी ने पण तारे,
Library > गिरनार स्तवन
अग्यार हजार बसो कीलो सुव्णथी करी रक्षा
ए पेथडशानी तीर्थरक्षा एनी केवी अजबनी कक्षा
शक्ति फोरवी तीर्थभक्तिनी आपी सुंदर शिक्षा
होय संयमना मनोरथ तो नेमि आपे दीक्षा ...
के आज संयम नु पानेतर पेहरी ने जो (२ बार)
राजुल ने नेम मली जाशे तू जो
राजुल ने नेम मली जाशे
प्रीत ने नवी रीत मली जाशे तू जो (२ बार)
परम पवित्र पावन प्रीतम पुरूषोत्तम रे प्यारा, निष्काम
निरागस नाथ निरंजन निर्विकारी न्यारा, बावीसमां
सितारा, ने द्वारिका दुलारा, गिरनार ना गभारा मां
शोभनारा जे ... ब्रम्ह चरनारा, सत्व धरनारा
नेमी प्रीतम प्यारा, वाहला मारा नेमिनाथ,
तुज संग प्रीतडी एवी लागी मने, नव भव केरी प्रितलडी ..
हवे हाथ जाली, भव पार उतार, भव पार उतारो मने,
मारा नेमिनाथ,प्यारा नेमिनाथ, भव पार उतारो मने..
जहाँ नेमी के चरण पड़े, गिरनार वो धरती है
वो प्रेम मूर्ती राजूल, उस पथ पर चलती है
उस कोमल काया पर, हल्दी का रंग चदा
मेहंदी भी रुचीर रची, गले मंगल सुत्र पड़ा
संसार थी विरती रथ नो,
गिरनार थी मुक्ति पथ नो..(२)
सथवार छे एक मारो,
आधार छे एक बस...
गिरनार पर प्रभु नेम ना, अभिषेकनो पावन समय
प्रभु नेमिनाथ जिनालये, वातावरण शुभ भावमय
ते परम पावन द्रष्य मारा, नेत्र ने निर्मल करो
नेमिनाथनी अभिषेक धारा, विश्वनु मंगल करे… (1)
तुं मने गिरिराज सिद्धि ताज आपी दें
सिद्धाचल थी सिद्धशिला नुं राज आपी दे
तुं मने गिरिराज सिद्धि ताज आपी दें
सिद्धाचल थी सिद्धशिला नुं राज आपी दे…
नेमि नेमि नेम… नेमि नेमि नेम…
जय गिरनारी… जय गिरनारी…
नेमि नेमि नेम… नेमि नेमि नेम…
नेम नेम नेम नेम नेम… हो नेम… हो नेम…