Tuesday, 24 June, 2025
Namami nemi
परम पवित्र पावन प्रीतम पुरूषोत्तम रे प्यारा, निष्काम
निरागस नाथ निरंजन निर्विकारी न्यारा, बावीसमां
सितारा, ने द्वारिका दुलारा, गिरनार ना गभारा मां
शोभनारा जे ... ब्रम्ह चरनारा, सत्व धरनारा,
जिवदयाप्रेमी, नमा मि नेमि।
रंभा जेवु रुप जेनु रम्य राजुल राणी, पण पोकारे पंथमां
पशुओ ने प्राणी, प्रभुना पापणो थी पडे पाणी,
मुखमां थी झरे वैरागनी वाणी, हैय्ये दया उभराणी,
कलरव थया कल्याणी, अंते थया निर्वाणी,
माणी मुक्ती राणीने ... ब्रम्ह चरनारा ...
मन महल मां मोह माहाराजनी मस्ती छे,
मोह ने मारीने मारे माणवी मुक्ती छे,
करवा हवे मोहघाती घोष पडघमना,
साधीने साते सूरो संयम सरगमना, संबंघो लागे खारा,
बनजो एवा सहारा, चढवी छे ध्यान घारा, तमारा जेवी रे ...
ब्रम्ह चरनारा ...
Source - Namami Nemi