हमें गुरु मील गये है 

                             तर्ज - मिले ना तुम तो हम घबराये 



 

तेरे दरश को जी ललचायें देखूं तो झुमे गाये 

                        हमें गुरु मील गये है २

 

दिल्ली के राजा तेरी अर्थी उठी ना मानक चौक से 

शाही फरमान से भी हिल ना सकी हाथी के जोर से 

राजा राणा शिश झुकाये वही चरण पघराये 

                       हमें गुरु मील गये हैं २ 

 

छे ही बरस में तुमने तोड़ी थी ममता की जंजीर को 

दो हो बरस में पदवी आचार्य मिली गुरु आपको 

मणी मस्तक में ज्ञान ही चमके मणीधारी कहलायें 

                      हमें गुरु मील गये हैं २ 

 

सारा संघ साथ घेरा डाकुओं ने आके तुम्हे राह में 

वाह रे फकीरा खंची एैसी लकीर तुने राह में 

देख देख डाकु घबराये आंखों से दिख जा पायें 

                     हमें गुरु मील गये हैं २ 

 

ओमन बसीया देखो जो महिमा तेरे नाम की 

दर में सवारी खड़े जपते माला तेरे नाम की 

युवक मंडल तुमसे प्रीत जगाये तुम्ही को हाल सुनायें 

                      हमें गुरु मोल गये है २