Janam Janam Ka Daas Hoon

(तर्ज : जनम जनम का साथ है...) 

जनम जनम का दास हूँ... गुरुदेव तुम्हारा-2
जीवन नैया डोल रही है... दे दो इसे सहारा।। 

अपने मन मन्दिर में, तेरी ज्योत जलाऊँ। 
अपने मन दर्पण में, तेरा ध्यान लगाऊँ । 
तुम मेरे स्वामी हो, मैं सेवक हूँ तुम्हारा।
जनम जनम... ॥1॥ 

जीवन की सूनी राहें, आबाद करो वरदान से। 
भर दो जीवन में खुशियाँ, अपने चमत्कार से। 
जीवन में कुछ करने मांगूं, आशीर्वाद तुम्हारा। 
जनम जनम... ||2|| 

भक्तों की टोली आई, श्रद्धा के पुष्प चढ़ाने। 
नर-नारी दर पे आये, अपना शीष झुकाने। 
भक्तों की अर्ज यही है, सबको दो सहारा ।। 
जनम जनम... ||3||

 

Source - Janam janam ka das hoon gurudev tumhara