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कल्लाणकंदं स्तुति

kallan kandam stuti, kalyan 

"कल्लाणकंदं स्तुति, जैन धर्म में एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। यह स्तोत्र 24 तीर्थंकरों में से 5 प्रमुख तीर्थंकरों की स्तुति है: ऋषभदेव, शांतिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ और महावीर। दूसरी गाथा मैं सर्व जिनेश्वरों की, तीसरी गाथा मैं जिन आगम की, और चौथी गाथा मैं सरस्वती देवी की स्तुति है | इस स्तोत्र में इन तीर्थंकरों के गुणों का वर्णन किया गया है और उनकी वंदना की गई है।"

कल्लाणकंदं पढमं जिणिंदं
संतिं तओ नेमिजिणं मुणिदं,
पासं पायसं सुगुणिक्कठाणं,
भत्तीइ वंदे सिरि-वद्धमाणं ... १

अपार संसार समुद्दपारं,
पत्ता सिवं दिंतु सूइक्कसारं,
सव्वे जिणींदा सुरविंदवंदा,
कल्लाण-वल्लीण-विसाल-कंदा ... २

निव्वाण-मग्गे वर-जाण-कप्पं,
पणासिया सेस कुवाइ-दप्पं;
मयं जिणाणं सरणं बुहाणं,
नमामि निच्चं तिजगप्पहाणं ... ३

कुंदिंदु-गोक्खीर-तुसा-रवन्ना,
सरोज-हत्था-कमले-निसन्ना,
वाअेसिरी पुतथ्य-वग्ग-हत्था,
सुहाय सा अम्ह सया पसत्था ... ४

 

Source - Kallankandam Stuti

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