keva shobhe mara jinraya, keva shobe mara, keva shobe
तारणहारा छो अमारा, सर्वज्ञता ने धारनारा,
मारा मनडा ने मोहनारानाथजी,
तारा नामे आखा जगने हुं जीती जऊ॥
मूरत छो उज्जवलता नी, दिव्यता ने निर्मलता नी,
अविनाशी ने अविकारी, अनन्य गुणो ना स्वामि आपनी
छवी हैये वसी, हे प्राणनाथजी।।
केवा शोभे मारा जिनराया जिनराया,
केवा शोभे मारा जिनराया, मारा जिनराया जिनराया,
केवा शोभे मारा जिनराया।।
छे अवंत मारा जिनराया छे अनंत मारा जिनराया,
अदम्य रम्य मारा जिनराया जिनराया,
छे अरिष्ट मारा जिनराया।।
मारा छो आतम राया, लागी मुजने तारी माया,
चौदे राजे गुंजे तारा, जयकारा हे जिनराया,
तारी तारक बनु साचो ऋषभ रागी,
आ दुलर्भ द्रश्य जुहारी, धन्यता भवोनी आवी।।
जोया ज्यारे तमने नाथ, भाग्यो मारा भवनो थाक,
झाल्यो आजे तारो हाथ, दूजो ना हो कोई साथ संसार ना
रंगो त्यजी, माणु तारा राजने ।।
केवा शोभे मारा जिनराया जिनराया,
केवा शोभे मारा जिनराया, बेठा मलके मारा जिनराया
जिनराया, केवा शोभे मारा जिनराया।।
छे अवंत मारा जिनराया जिनराया, छे अनंत मारा
जिनराया, अदम्य रम्य मारा जिनराया जिनराया,
छे अरिष्ट मारा जिनराया।।
देव देवी सहु आवता, तारु देवालय बंधावता,
क्षिरोदधि ना जल लावता, तारा अभिषेक ए रचावता।।
भविजन भावे भावता, तारो अंजनोत्सव करावतां,
हृदया ना देरे पधरावता, अदकेरो आनंद पामता।।