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निश दिन सुमरो रे नवपद माला

Nish Din Sumro Re Navpad Mala

तर्ज - यशोमती मैय्या से बोले

निश दिन सुमरो रे नवपद माला
कर्म का टूटे पल में ताला ॥ धू ॥ २

सुमिरन इस जीवन में दुख हर लेगा। 
इक दिन चौरसी का सुख हर लेगा
जमकर पियो रे सुमिरन प्याला
भर भर प्याला ॥१॥

पग पग घेरे चाहे यह दुखीयारे
बच निकलेगी नाव की हर नैय्या
तट पर उतारी थी चंदनबाला
जप कर माला ॥२॥

नवपद की महिमा का पार नहीं हैं।
सब मंत्रो का मधु, एक सार यही है। 
निर्बल निर्धन का यह रखवाला 
दीन दयाला है ॥३॥

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