Prabhu Ki Bhakti Mein

(तर्ज- सज रही गली मोरी मां)

कर ले भजन दिन रात, प्रभु की भक्ति में 
प्रभु की शक्ति में गुरु की भक्ति में       ॥धूपदा।।

सोना चांदी सारे महल रह जायेंगें, हाथी घोड़े 
मोटर बगीचे रह जायेंगे 
रहना मगन दिन रात, प्रभु की भक्ति में  ll1ll

काहे को राजाता तिजोरी और बंगला, आया हैं।
अकेला जायेगा तू अकेला 
मिलेगा किनारा भवपार, प्रभु की भक्ति में  ॥2ll

दूर रहना प्यारे लड़ाई झगड़े से कुछ ना मिलेगा 
इन झूठे लफड़ो से 
कर ले जीवन को निसार, प्रभु की भक्ति में  ll3ll

कहता "ऋष" समझ मेरे भाई, काहे को बिगाडे 
जनम सुखदाई
होगी एक दिन तेरी जीत, प्रभु की भक्ति में  ll4ll