प्रार्थना 

 

अरिहंतो को नमस्कार 

श्री सिद्धों को नमस्कार 

आचार्यों को नमस्कार 

उपाध्यायों को नमस्कार 

जग में जितने साधूगण है, मै सबको वन्दु बार बार 

 

ऋषभ अजित सभव अभिनंदन, सुमति पदम सुपार्श्व जिनराय  

चन्द्र पुष्प शीतल श्रेयास नमी, वासू पुज्य पुतित सुरराय 

विमल अनन्त धर्म जस उज्वल, शांती कुंथु अर मल्लिमनाथ 

मुनि सुब्रत नमि नेमी पार्श्व  प्रभू, वर्धमान पद पुष्प चढाय 

चौविसों के चरण कमल में मेरा वन्दन हो बार बार 

अरिहंतो को 

 

जिसने राग द्वेष कामादिक, जीतें सब जग जान लिया 

सब जिवों को मोक्ष मार्ग का, निस्पृह हो, उपदेश दिया 

बुद्धवीर जीन हरोहर ब्रम्हा या पैगम्बर हो अवतार 

सबके चरण कगल में मेरा बन्दन हो बर बार 

अरिहंतों को…