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साधना पाना नही जीवन को

Saadhna Paana Nahi Jeevan Ko

पाना नही जीवन को बदलना है साधना,
धुएं सा जीवन मौत है २ऽऽऽ, जलना है साधना, 
पाना नही जीवन को…

मुंड मुंडाना बहुत सरल है, मन मुंडन आसान नहीं,
व्यर्थ भभूत रमाना तन पर, यदि भीतर का ज्ञान नहीं,
पर की पीड़ा में मोम साऽऽऽ २ पिघलना है साधना,
पाना नही जीवन को... ॥१॥

मंदिर में हम बहुत गए पर, मन यह मंदिर नहीं बना,
व्यर्थ शिवालय में जाना जो, मन शिव सुंदर नही बना,
पल-पल समता में इस मन काऽऽऽ २, ढलना है साधना,
पाना नही जीवन को... ॥२॥ 

सच्चा पाठ तभी होगा जब, जीवन में पारायण हो,
श्वांस-श्वांस, धड़कन से, जुड़ी हुई रामायण हो,
नव सत्पथ पर जन-जन का, मन का चलना है साधना,
पाना नहीं जीवन को... ॥३॥

- Stavan Manjari

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