samu juo ne, Samu juo ne, Samu juo
सामु जुओ ने मारी सामु जुओ ने,
एक वार नेम मारी सामु जुओने करुणा दृष्टि थी
मारे सामु जुओने,अमिदृष्टि थी मारी सामु जुओने...सामु जुओ ....
निगोद ना दिवसों मने यादज आवता,
हुं अने तू रह्या एकज धाम मा अनादि
काळ थी दुःखो ने खमता, आ चौरासी लाख योनि मा
भमता भवो भव सुधी साथे रह्या, आजे मने केम छोडी गया
तारा विना दादा मने कौन पूछे ना,
मारी आंखीयो ना आंसू कोण लुछे ना ... सामु जुओ ...
संसार असार छे मोक्षज सार छे, तारी वातो में तो सुनी
नलवार छे मोह माया ना झूले हु झुलियो, राची माची ने
कर्मों में बांध्या हस्ता हस्ता कर्मों में बांध्या,
आत्मा मा कर्मो ना ढगला
भर्या रोता रोता आज-मारा कर्मो छुटे ना,
दुःखो ना डूंगर-मारा आज टूटे ना...सामु जुओ ...
छेल्ली विनंती मारी दादा तू सुणजे, अंत समये
मुजने तुं मलजे पीडा ज्यारे रग-रग मांथी व्यापे,
तारा दर्शन नी ठंडक तुं आपजे झंजाल जगनी
छोडी गई, मने तारा ध्यान मा स्थिर करी समाधि
मरण-मले एवं हु मांगु, भव भवना फेरा टले एवं हु
मांगु ... सामु जुओ ...
Source - Ek Vaar Nem Mari Saamu Juo Ne