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संकट दूर करो

Sankat Door Karo

(तर्ज - सावन का महिना)

भगवान के चरणों मे 
आये हैं हम आज 
संकट दूर करो गुरु अब तो 
राखो हमारी लाज ॥धृ॥ 

कुशल गुरु तुम नाम की माला 
सचमुच हैं यह मंगल माला 
हो प्रत्यक्ष प्रभावी सिरताज 
संकट दूर करो  ||1|| 

भक्तजनों की विपदा हरते 
वंछीत सबके पुरन करते 
हम भक्त तुम्हारे अब पुरी काज 
संकट दूर करो  ||2|| 

प्रभूजी तुम्हारी महीमा न्यारी 
शरण में आये पुसो आस हमारी 
हो सज्जनों से पुजीत शशी के गुरु ताज 
संकट दूर करो  ||3||  

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