shankheshwar ka naath hai, shankeshvar ka naath hai, shankheshvar, shankeshwar
शंखेश्वर का नाथ हे हमारा तुम्हारा
हो शंखेश्वर का नाथ है हमारा तुम्हारा
इस तीरथ में जो भी आये
मिले न जनम दुबारा ... शंखेश्वर का ...
कान में कुंडल डोले .. मस्तक मुगट सुहाये
कैसी सुंदर काया .. भक्तो के मन भाये
मन की ईच्छा पूरी होवे .. आये द्वार तिहारा
शंखेश्वर का ...
मुक्ति से भक्ति प्यारी .. कहते ज्ञानी ध्यानी
इसके चरणकमल में .. बीते सारी जिंदगानी
सच्चे दिलसे ध्यान लगा दो .. होवे वारान्यारा
शंखेश्वर का ...
इस तीरथ के कंकर .. पथ्थर हम बन जाये
भक्तो हम पर चलकर .. दर्शन तेरा पाये
अंतिम ईच्छा पूरी होवे .. जीवन हो सुखकारा
शंखेश्वर का ...
शंखेश्वर का पारस लीला अजब दीखाता
इसके चरण में जो भी आये, बेडा पार लगाता
राय और रंक को भी तारे, जग के तारणहारा
शंखेश्वर का ...
Source - Shankeshwar ka Nath hai