Personal menu
Search
You have no items in your shopping cart.

सोना रूपा ना कलशे

सोना रूपा ना कलशे

Sona Rupa Na Kalashe

सोना रूपाना कलशे, प्रभु ने न्हवरावो हरशे
पावन नदियों ना पाणी, देवो लाव्या छे टाणी
आ धारा तो… पुण्य नी धारा छे…
प्रभुजी तो… म्हारा छे… ।। धृ.।।

वादल उमटे रोज गगन मा, अभिषेक जल भरवा,
हूँ पंचेन्द्रीय छू पण चाहू, एकेन्द्रीय पद धरवा,
तारा अंग अंग ना स्पर्शे, खड खड थईने हूँ नाचू,
तारी अभिषेक पूजामा, हूँ ऐज विचारे राचू,
आ धारा तो… पुण्य नी धारा छे… ||1||

देवोनी दुनियानो मेलो, लाग्यो छे आकाशे,
स्पर्श तमारो पामी स्वामी, मेरू पण भिंजाशे,
अभिषेक नी रंग छटाओ, तव मस्तक ऊपर वहती,
ए जोवा देवनी, जाणे अनिमेष रहती,
आ धारा तो… पुण्य नी धारा छे… ||2||

रोज परोढे जलनी धारा, थईने चरण पखाणु,
सूर्य उदयना तेजे चमके, मुखडू तारू रूपालू,
लई आवू मेघ सवारी, भरी लावू जल नी घारी,
पक्षाल पूजामा आजे, लावू कलशो शणगारी,
आ धारा तो… पुण्य नी धारा छे… ||3||

सोना रूपाना कलशे, प्रभु ने न्हवरावो हरशे
पावन नदियों ना पाणी, देवो लाव्या छे टाणी
आ धारा तो… समकित नी माला छे…
प्रभुजी तो… प्यारा छे… म्हारा छे… प्यारा छे… ||4||

Source - Sona Rupa Na Kalashe

 

अपनी भावनाएं व्यक्त करें 🙏
*